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थोड़ा बढ़ा गन्ने का समर्थन मूल्य
Date: 28 Oct 2017
Source: Business Standard
Reporter: बीएस संवाददाता
News ID: 22799
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उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर पिछले पेराई सत्र 2016-17 का अभी करीब 1,000 करोड़ रुपये का बकाया है, वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने मौजूदा सत्र के लिए गन्ने की कीमत में करीब 3 फीसदी की बढ़ोतरी की घोषणा की है। यह घोषणा ऐसे समय की गई है जब राज्य में निकाय चुनाव की सरगर्मी बढऩे वाली है।  राज्य सरकार ने गुरुवार रात गन्ने के राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) में प्रति क्विंटल 10 रुपये का इजाफा किया है। सामान्य किस्म के गन्ने की कीमत 305 रुपये प्रति क्विंटल है, जो 2017-18 सत्र में बढ़कर 315 रुपये प्रति क्विंटल हो जाएगी। इसी तरह अगैती किस्म के गन्ने का मूल्य बढ़कर 325 रुपये प्रति क्विंटल हो जाएगा। राज्य में करीब 70 फीसदी गन्ना सामान्य किस्म का होता है। इससे पहले किसान संगठनों ने कृषि की लागत बढऩे का हवाला देकर गन्ने की कीमतों में इजाफा करने की मांग की थी लेकिन मिलें ज्यादा कीमत चुकाने में अपनी असमर्थता जता रही थीं। इसे देखते हुए योगी सरकार ने बीच का रास्ता निकालते हुए गन्ने की कीमतों में मामूली इजाफा किया है। इस बीच द्वारिकेश शुगर इंडस्ट्रीज के पूर्णकालिक निदेशक एवं सीएफओ 
 
विजय एस बंका ने समर्थन मूल्य में वाजिब बढ़ोतरी का स्वागत किया है। योगी सरकार ने मौजूदा पेराई सत्र के लिए गन्ने के दाम की घोषणा पिछली अखिलेश यादव सरकार की तुलना में करीब तीन हफ्ते पहले ही कर दी है। 2016 में गन्ने के दाम में 25 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया गया था। गन्ना उत्तर प्रदेश की प्रमुख नकदी फसल है और राज्य की अर्थव्यवस्था में इसका करीब 30,000 करोड़ रुपये का योगदान है। राज्य में करीब 40 लाख परिवार गन्ने की खेती से जुड़े हैं और यह उत्तर प्रदेश, खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजनीतिक रूप से काफी संवेदनशील मसला माना जाता है। इस बीच, योगी सरकार ने मौजूदा सत्र में करीब 1 करोड़ टन चीनी उत्पाद का लक्ष्य रखा है, जो पिछले साल के 87.5 लाख टन से करीब 15 फीसदी ज्यादा है। पिछले साल गन्ने का कुल देय 25,386 करोड़ रुपये था, जिसमें से करीब 1,000 करोड़ रुपये का भुगतान अभी बकाया है। 
 
  

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