देश में गन्ना का रकबा 5.24 फीसदी घटकर 40.30 लाख हैक्टेयर रह गया है। कृषि मंत्रालय के अनुसार महाराष्ट्र और कर्नाटक में सूखे के कारण गन्ने के रकबे में कमी आई है।
पहले से बोई हुई फसलों में गन्ने का रकबा इस साल कम है। गन्ना खरीफ सीजन की फसल है। वैसे तो खरीफ सीजन की शुरूआत जून में मानसून सक्रिय होने के साथ होती है। गन्ने की रोपाई होने के बाद दो सीजन में इसकी खेती होती है। गन्ने का मौजूदा रकबा पिछले साल का है। इससे दूसरे साल गन्ने की फसल मिलेगी। इसके अलावा गन्ने की ताजा रोपाई मानसून सक्रिय होने के बाद की जाएगी।
मंत्रालय द्वारा जारी शुरूआती आंकड़ों के मुताबिक किसानों ने 8 मई तक 40.30 लाख हैक्टेयर में गन्ने की रोपाई की है। पिछले साल समान तिथि तक 45.54 लाख हैक्टेयर में गन्ने की रोपाई हुई थी। गन्ने के रकबे में सबसे ज्यादा गिरावट महाराष्ट्र में दर्ज की गई है।
वहां सूखे के चलते पानी की किल्लत होने के कारण किसानों ने सिर्फ 5.11 लाख हैक्टेयर में गन्ने की रोपाई की है। पिछले साल समान अवधि में 9.37 लाख हैक्टेयर में गन्ने की रोपाई हुई थी। इसी तरह कर्नाटक में इस साल रकबा 3.65 लाख हैक्टेयर से घटकर 3.27 लाख हैक्टेयर रह गया।
उत्तर प्रदेश में गन्ने का रकबा घटकर 19.20 लाख हैक्टेयर रह गया है। उत्तर प्रदेश चीनी उत्पादन में देश का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। गन्ने के रकबे में कमी आने की वजह से कुल चीनी उत्पादन में भी कमी आने का अनुमान है।
मौजूदा मार्केटिंग वर्ष 2012-13 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान देश में 245 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है। जबकि पिछले वर्ष 260 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। हालांकि चीनी का उत्पादन घरेलू खपत से ज्यादा रह सकता है क्योंकि देश में करीब 220 लाख टन चीनी की खपत होती है।