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News
चीनी के हाजिर दाम में तेजी दर्ज
Date:
21 Jul 2017
Source:
बिज़नेस स्टैण्डर्ड
Reporter:
दिलीप कुमार झा
News ID:
21568
Pdf:
Nlink:
हाजिर चीनी के दाम हाल के निचले स्तरों से सुधरकर तीन महीनों के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गए हैं। इसकी वजह यह है कि चीनी की वैश्विक कीमतों में तेजी आई है और करीब तीन सप्ताह के बाद कारोबारी फिर से बाजार में लौटे हैं। वाशी मंडी में बेंचमार्क एम-30 चीनी के दाम आज बढ़कर 4,050 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गए, जो 29 जून को 3,914 रुपये प्रति क्विंटल थे। नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव्ज एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) पर एम-ग्रेड चीनी के जुलाई में डिलिवरी वाले अनुबंध में अपर सर्किट लगा। इस अनुबंध का कारोबार 3,816 रुपये प्रति क्विंटल पर हुआ। हालांकि एनसीडीईएक्स पर अक्टूबर में डिलिवरी वाले अनुबंध की कीमतों में तुलनात्मक रूप से बढ़ोतरी ज्यादा नहीं रही। इस अनुबंध का कारोबार 3,590 रुपये प्रति क्विंटल पर हुआ। इसकी वजह यह है कि चालू सीजन के अंत में बचने वाले स्टॉक और अगले सीजन में गन्ने के भारी उत्पादन के अनुमानों से कीमतों पर असर पडऩे की चिंताएं हैं।
एक बड़ी स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी से जुड़े एक विश्लेषक ने कहा, 'ब्राजील के कुछ इलाकों में गन्ने की खड़ी फसल शीतलहर से प्रभावित हुई है। इसके चलते वैश्विक कीमतों में तेजी आई है, जिससे भारत में भी कीमतें बढ़ी हैं।' विश्व में चीनी के सबसे बड़े उत्पादक देश ब्राजील में गन्ने की फसल के शीतलहर से प्रभावित होने की खबरों के कारण शिकागो मर्केन्टाइल एक्सचेंज पर कच्ची चीनी का वायदा आज करीब 7 सप्ताह के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया। सहकारी चीन फैक्टरियों के महाराष्ट्र राज्य संघ के प्रबंध निदेशक संजीव बाबर ने कहा, 'पिछले कुछ सप्ताह से कारोबारी सक्रिय खरीद से दूर बने हुए थे, जिसकी वजह से वितरण शृंखला में चीनी का स्टॉक घटा है। कारोबारियों के बाजार से दूर रहने के कारण कीमतों पर गिरावट का दबाव बन गया था। लेकिन अब कारोबारी फिर से बाजार में आ गए हैं और वितरण शृंखला में स्टॉक भी कम है, जिससे चीनी की मांग बढ़ी है और कीमतों में इजाफा हुआ है।' अगले दो महीनों के दौरान त्योहारी मांग बढऩे की उम्मीद में डीलरों और स्टॉकिस्टों ने खरीदारी शुरू कर दी है। आमतौर पर जुलाई से शुरू होने वाले त्योहारी सीजन में चीनी की मांग बढ़ती है और यह दीवाली तक बनी रहती है, इसलिए डीलर और स्टॉकिस्ट पूरे सीजन के लिए स्टॉक करते हैं।
घरेलू बाजार में कीमतें बढऩे की एक वजह यह भी हो सकती है कि सरकार ने कच्ची चीनी पर आयात शुल्क 40 फीसदी से 50 फीसदी कर दिया है। सामान्य मॉनसून के चलते इस साल उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद में सरकार ने दो सप्ताह पहले ही शुल्क में बढ़ोतरी की थी। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा, 'चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी का वर्तमान रुझान कुछ समय ही बरकरार रहेगा। इसकी वजह यह है कि जुलाई में अतिरिक्त उठाव से आपूर्ति शृंखला भर गई है। यह शृंखला जून के दूसरे पखवाड़े में सूख गई थी क्योंकि कारोबारी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के विरोध में खरीद नहीं कर रहे थे। इसके अलावा जीएसटी का शुरुआती असर खत्म हो गया है। वहीं कांवडिय़ों की वजह से आपूर्ति में अवरोध पैदा हुआ है।' चीनी कंपनियों के शेयर आज 10 फीसदी तक चढ़े। सबसे ज्यादा बढ़त श्री रेणुका शुगर्स के शेयरों में दर्ज की गई। रेटिंग एजेंसी इक्रा का अनुमान है कि भारत में चीनी का उत्पादन पेराई सीजन 2017-18 (1 अक्टूबर से शुरू) में 235 से 245 लाख टन रहेगा, जो पिछले साल की तुलना में 16 से 20 फीसदी अधिक है।
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