•  
  • Welcome Guest!
  • |
  • Members Log In Close Panel
  •  
Home
 
  • Home
  • About us
  • Ethanol
  • Cogeneration
  • Environmental
  • Statistics
  • Distillery
  • Sugar Price
  • Sugar Process
  • Contact us

News


गन्ना एसएपी घोषित करने में यूपी सरकार के छूट रहे पसीने
Date: 03 Dec 2012
Source: Dainik Jagran
Reporter: Jagran Bureau, Delhi
News ID: 1801
Pdf:
Nlink:

 

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। चालू पेराई सीजन में गन्ने का राज्य समर्थित मूल्य [एसएपी] घोषित करने में उत्तर प्रदेश सरकार के पसीने छूट रहे हैं। गन्ना खेती की लागत के ताजा आकलन ने राज्य सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। दूसरी ओर पूर्ववर्ती बसपा सरकार की तर्ज पर गन्ना मूल्य तय करना भी आसान नहीं है। गन्ना मूल्य निर्धारण समिति की दो बैठकों के बाद भी न तो एसएपी घोषित हो पाया है और न ही राज्य की सभी मिलों में पेराई शुरू हो सकी है।

राज्य सरकार के शाहजहांपुर स्थित गन्ना शोध संस्थान ने प्रति क्विंटल गन्ने की लागत 228 रुपये और मेरठ के सरदार पटेल कृषि विश्वविद्यालय ने 232 रुपये प्रति क्िवटल का आकलन किया है। पिछले साल की तर्ज पर अगर एसएपी लागत से 33.64 फीसद बढ़ाया जाए तो गन्ना मूल्य लगभग 300 रुपये प्रति क्विंटल होगा। किसान जागृति मंच के संयोजक सुधीर पंवार के मुताबिक चाहे जिस आधार पर एसएपी की गणना की जाए। फिर भी मूल्य 300 रुपये से अधिक ही बैठेगा। उन्होंने कहा कि लागत में 22 फीसद की वृद्धि हुई है। इसी के आधार पर गणना की जाए तो भी मूल्य 300 रुपये बैठेगा। पिछले साल चीनी का मूल्य 2,600 रुपये प्रति क्विंटल था, जबकि इस साल यह 3,400 से 3,700 रुपये प्रति क्िवटल बिक रही है। प्रस्तावित रंगराजन कमेटी की रिपोर्ट को आधार मानें तो भी गन्ना मूल्य बढ़ना तय है।

सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लिखे पत्र में इस्मा ने कहा है कि मिलें किसी भी हाल में 270 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक देने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने मूल्य बढ़ाने से होने वाली परेशानियां भी गिनाई हैं। पिछले साल के एसएपी के चलते मिलों को भारी नुकसान उठाना पड़ा और किसानों को समय से भुगतान नहीं हो सका। बकाये का कुछ हिस्सा अभी भी लंबित है।

राज्य की कुल सवा सौ चीनी मिलों में से आधी में भी पेराई शुरू नहीं हो पाई है। जिन मिलों में चीनी का उत्पादन चालू भी हुआ है, उनमें गन्ने की आपूर्ति बिना किसी मूल्य के हो रही है। उनकी पर्चियों पर गन्ने की दरों का जिक्र नहीं है। इसी के चलते गन्ने का भुगतान भी नहीं हो पा रहा है। सरकार अनिर्णय की स्थिति में है, ऐसी ही स्थिति से राज्य के गन्ना किसान भी गुजर रहे हैं।

 
  

Navigation

  • TV Interviews
  • Application Form For Associate Membership
  • Terms & Conditions (Associate Member)
  • ISMA President
  • Org. Structure
  • Associate Members(Regional Association)
  • Who Could be Member?
  • ISMA Committee
  • Past Presidents
  • New Developments
  • Publications
  • Acts & Orders
  • Landmark Cases
  • Forthcoming Events




Indian Sugar Mills Association (ISMA) © 2010 Privacy policy
Legal Terms & Disclaimer
 Maintained by