मासिक चीनी कोटे की मात्रा बेचने की बाध्यता समाप्त करने का फैसला
अहम निर्णय - दिसंबर' 12 से मार्च'13 तक के चार माह के लिए 70 लाख टन चीनी का कोटा जारी करने की योजना
केंद्र सरकार ने चीनी उद्योग को नियंत्रण मुक्त करने के लिए एक कदम और आगे बढ़ाते हुए मासिक चीनी कोटे की मात्रा बेचने की बाध्यता समाप्त करने का निर्णय ले लिया है। दिसंबर 2012 से मार्च 2013 के दौरान जारी किए जाने वाले कोटे की चीनी बेचने का अधिकार चीनी मिलें खुद तय कर सकेंगी।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'बिजनेस भास्कर' को बताया कि दिसंबर से मार्च 2013 के लिए 70 लाख टन चीनी का कोटा जारी करने की योजना है। इसकी बिक्री की मात्रा चीनी मिलें अब महीने के आधार पर स्वयं तय कर सकेंगी। उन्होंने बताया कि अभी तक दो महीने या फिर तीन महीने के आधार पर कोटा जारी किया जाता था जिसकी बिक्री की मात्रा महीने के आधार पर खाद्य मंत्रालय तय करता था।
लेकिन दिसंबर से मार्च 2013 के लिए जारी किए जाने वाले कोटे में चीनी मिलों पर हर महीने बिक्री की मात्रा की बाध्यता नहीं होगी। मिलें महीने के आधार पर बेचे जाने वाले कोटे की मात्रा स्वयं तय कर सकेंगी।
उन्होंने बताया कि दिसंबर से मार्च 2013 (चार माह) के लिए 70 लाख टन चीनी का कोटा जारी करने की योजना बनाई गई है। सालाना 210 लाख टन चीनी की खपत होती है, इस आधार पर चार माह का कोटा 70 लाख टन ही होता है। खाद्य मंत्रालय ने अक्टूबर-नवंबर के लिए 40 लाख टन चीनी का कोटा जारी किया था।
मालूम हो कि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) के अध्यक्ष सी. रंगराजन की अगुआई में गठित विशेषज्ञ समिति ने प्रधानमंत्री को सौंपी अपनी रिपोर्ट में चीनी उद्योग को नियंत्रण मुक्त करने की सिफारिश करते हुए मिलों को चीनी खुले बाजार में बेचने की आजादी देने की सिफारिश की है। समिति ने लेवी चीनी प्रणाली को भी खत्म करने का सुझाव दिया है।