नई दिल्ली। सरकार चीनी पर आयात शुल्क 40 से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने पर विचार कर रही है। इसका मकसद सस्ते आयात को रोकना और घरेलू बाजार में कीमतों को उचित स्तर पर कायम रखना है।
स्थानीय स्तर पर चीनी कीमतों में किसी तरह की गिरावट से मिलों की गन्ना किसानों को भुगतान की क्षमता प्रभावित होगी। विपणन वर्ष 2016-17 में चीनी का उत्पादन कम रहने के मद्देनजर सरकार ने अप्रैल में शून्य शुल्क पर पांच लाख टन कच्ची चीनी के आयात की अनुमति दी थी जिससे घरेलू आपूर्ति बढ़ाई जा सके।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हम वैश्विवक कीमतों की निगरानी कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम नीचे आ रहे हैं और कुछ व्यापारी उंचे सीमा शुल्क पर भी आयात के इच्छुक हैं। ऐसे में हम आयात शुल्क बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं।
अधिकारी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर चीनी कीमतों में और गिरावट आने पर आयात शुल्क में तुरंत वृद्धि की जाएगी। इससे सस्ते आयात की वजह से घरेलू खुदरा कीमतों पर दबाव नहीं पड़ेगा। फिलहाल देश में खुदरा बाजार में चीनी का दाम 40-50 रपये प्रति किलोग्राम हैं।