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लेवी चीनी व कोटा व्यवस्था खत्म करने पर सरकार गंभीर
Date: 07 Nov 2012
Source: बिजनेस भास्कर
Reporter: बिजनेस भास्कर नई दिल्ली
News ID: 1722
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सब्सिडी घटाने की खातिर
सब्सिडी खर्च घटाने को खाद्यान्न खरीद की नई नीति पर विचार
मंडी में ज्यादातर खाद्यान्न सरकारी एजेंसियों को खरीदना पड़ता है
रबी विपणन सीजन में 37 फीसदी गेहूं की सरकारी खरीद हुई
ज्यादा खरीद से केंद्र सरकार पर बढ़ रहा है सब्सिडी का बोझ

चीनी उद्योग के आंशिक विनियंत्रण पर केंद्र सरकार की सक्रियता बढ़ गई है। सरकार लेवी चीनी और कोटा रिलीज सिस्टम को समाप्त करने का मन बना चुकी है। इस पर अगले दो-तीन महीनों में फैसला लिए जाने की संभावना है। इसके अलावा खाद्यान्न खरीद नीति को सुदृढ़ बनाने पर भी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।


मंगलवार को खाद्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रो. के. वी. थॉमस ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार से चीनी उद्योग के विनियंत्रण और खाद्यान्न की सरकारी खरीद पर गहन विचार-विमर्श किया। थॉमस ने बताया कि सी. रंगराजन कमेटी द्वारा चीनी उद्योग के विनियंत्रण पर सौंपी रिपोर्ट में प्रधानमंत्री से सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई।


सी. रंगराजन कमेटी की रिपोर्ट पर सभी संबंधित मंत्रालयों से राय मांगी गई है। इसमें लेवी चीनी और सरकार द्वारा तय किए जाने वाले कोटा रिलीज सिस्टम को समाप्त करने पर खाद्य मंत्रालय खुद भी विचार कर रहा है तथा इस पर अगले दो-तीन महीनों में फैसला लिए जाने की संभावना है।


मालूम हो कि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) के अध्यक्ष सी. रंगराजन की अगुवाई में गठित विशेषज्ञ समिति ने चीनी उद्योग को नियंत्रण मुक्त करने की सिफारिश करते हुए मिलों को चीनी खुले बाजार में बेचने की आजादी देने की सिफारिश की है। इसके अलावा समिति ने लेवी चीनी प्रणाली को भी समाप्त करने का सुझाव दिया है। समिति ने किसानों को गन्ने का भुगतान रेवेन्यू शेयरिंग के आधार पर किए जाने की सिफारिश की है।


खाद्य मंत्री ने बताया कि बढ़ती खाद्यान्न सब्सिडी के बोझ और भंडारण की समस्याओं के चलते सरकार खाद्यान्न खरीद के लिए नई नीति बनाने पर विचार कर रही है। वर्तमान में मंडी में कुल आवक का ज्यादातर खाद्यान्न सरकारी एजेंसियों को खरीदना पड़ता है। 
रबी विपणन सीजन में गेहूं के कुल उत्पादन का करीब 37 फीसदी गेहूं सरकारी एजेंसियों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदा। जिससे केंद्र सरकार पर सब्सिडी का बोझ लगातार बढ़ रहा है।


वर्ष 2012-13 में देश में 939 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ था जबकि एमएसपी पर रिकॉर्ड 380.20 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। चालू खरीफ विपणन सीजन में भी केंद्र सरकार ने एमएसपी पर 401 लाख टन चावल की खरीद का लक्ष्य तय किया है जो कि पिछले साल के मुकाबले ज्यादा है।

 
  

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