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News


चीनी डिकंट्रोल से बढ़ेगा कंपनियों का मुनाफा
Date: 26 Oct 2012
Source: Business Bhaskar
Reporter: Business Bhaskar Mumbai
News ID: 1703
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क्रिसिल की राय
क्रिसिल ने कहा, चीनी कंपनियों का लाभ 50 फीसदी बढ़ेगा
कंपनियों के प्रदर्शन में होगा सुधार, पूंजी प्रवाह में आएगी तेजी
इससे चीनी कंपनियों का क्रेडिट रिस्क प्रोफाइल होगा मजबूत

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा है कि अगर सी. रंगराजन समिति के चीनी क्षेत्र को नियंत्रण मुक्त करने वाले प्रस्ताव को लागू कर दिया जाता है तो चीनी कंपनियों के मुनाफे में 50 फीसदी इजाफा होगा। एजेंसी ने कहा कि इससे साल 2012-13 में चीनी कंपनियों का मुनाफा 600 करोड़ रुपये बढ़ जाएगा।


क्रिसिल द्वारा 47 रेटिड शुगर कंपनियों पर किए गए अध्ययन में कहा गया है कि चीनी के नियंत्रण मुक्त होने से गन्ने की बकाया राशि में कमी आएगी और चीनी के दाम बढऩे से गन्ना किसानों को भी फायदा होगा। गौरतलब है कि समिति की सिफारिशों में स्टेट-एडवाइस केन प्राइस (एसएपी) को हटाने, घरेलू बाजार में चीनी की बिक्री पर रेगुलेशन कंट्रोल हटाने, अंतरराष्ट्रीय व्यापार में परिणात्मक प्रतिबंध और जूट पैकेजिंग को अनिवार्य करना शामिल है।


क्रिसिल के वरिष्ठ निदेशक (बैंक लोन) सुबोध राय ने कहा है कि नियंत्रण मुक्त बाजार में मौजूद कंपनियों के प्रदर्शन, पूंजी प्रवाह में सुधार आएगा, कंपनियों की कार्य पूंजी जरूरतों में कमी आएगी, जिससे उनका क्रेडिट रिस्क प्रोफाइल मजबूत होगा।


केंद्र सरकार अपनी तरफ से भी गन्ना खरीद के लिए एफआरपी मूल्य तय करती है। हालांकि, प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और पंजाब गन्ने के लिए एसएपी की घोषणा करते हैं। रंगराजन समिति ने एसएपी को हटाने का सुझाव दिया है और कंपनियों को चीनी और उससे जुडे उत्पादों का 70 फीसदी बोझ किसानों के साथ साझा करने की सिफारिश की है।


राय ने यह भी कहा, 'हमारा मानना है कि गन्ना की कीमतों को उत्पादों से जोडऩे से उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा और इससे उनकी क्रेडिट रेटिड कंपनियों में सुधार आएगा तथा उन्हें 450 करोड़ रुपये का लाभ होगा।' वर्तमान रेगुलेशन के तहत कंपनियों को अपने 10 फीसदी चीनी उत्पादों को 19.05 रुपये प्रति किलोग्राम की सस्ती दर पर बेचना होता है, जो कि बाजार कीमत से काफी कम है।

 
  

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