व्हाइट शुगर पर आयात शुल्क बढ़ाने की चर्चाओं पर फिलहाल विराम केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने चीनी के आयात पर शुल्क की दरों में बदलाव की अटकलों पर फिलहाल विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि अगले तीन माह में गन्ना पेराई की प्रगति का जायजा लेने के बाद ही आयात शुल्क में संशोधन पर विचार किया जाएगा। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलात मंत्री के. वी. थॉमस ने बिजनेस भास्कर के साथ विशेष बातचीत में कहा था कि सरकार व्हाइट शुगर पर आयात शुल्क बढ़ाकर 20 फीसदी करने के बारे में विचार कर रही है।
घरेलू चीनी मिलें व्हाइट शुगर यानि तैयार चीनी के आयात पर शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने की मांग कर रही हैं। उन्हें अंदेशा है कि विदेशी चीनी की सप्लाई बढऩे से घरेलू बाजार में भाव गिरने लगेंगे। इस समय रॉ शुगर पर भी 10 फीसदी आयात शुल्क लगता है। खाद्य मंत्रालय एक कैबिनेट नोट पर काम कर रहा है। इसमें उसने व्हाइट शुगर पर आयात शुल्क 20 फीसदी करने का प्रस्ताव किया है। खाद्य मंत्रालय रॉ शुगर पर लागू 10 फीसदी शुल्क हटाने के बारे में भी विचार कर रहा है।
चीनी आयात की ड्यूटी में तत्काल संशोधन के सवाल पर पवार ने कहा कि हमें अभी कुछ समय इंतजार करना चाहिए। हमें करीब तीन माह इंतजार करना चाहिए और चालू सीजन में गन्ना पेराई की प्रगति का जायजा लेना चाहिए। इससे आकलन हो सकेगा कि देश में कितनी चीनी का उत्पादन होने की संभावना है। इसके बाद आयात शुल्क में बदलाव पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गन्ने की पेराई अभी चालू ही हुई है। देखना होगा कि अगले महीने में पेराई में कितनी तेजी आती है।
पवार ने पिछले दिनों कहा था कि चालू सीजन में देश में 235-240 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है। जबकि पिछले सितंबर में समाप्त हुए मार्केटिंग वर्ष 2011-12 के दौरान 262 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। देश में हर साल करीब 220 लाख टन चीनी की खपत होती है। चीनी उद्योग के डिकंट्रोल पर पवार ने कहा कि खाद्य मंत्रालय ने अभी तक उनसे इस बारे में कोई बातचीत नहीं की है। हालांकि उन्हें प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के प्रमुख सी. रंगराजन की अगुवाई वाली विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट मिल गई है।