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GST के चक्कर में रुकी चीनी की सप्लाई
Date: 27 Jun 2017
Source: The Economic Times
Reporter: Jayashree Bhosale
News ID: 15567
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देश में चीनी की सप्लाई रुक गई है क्योंकि ट्रेडर्स, ब्रोकर्स और इंडस्ट्रियल यूजर्स गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लागू होने का इंतजार कर रहे हैं। जून में डिमांड की कमी के कारण चीनी मिलों के स्तर पर दाम लगभग 3 पर्सेंट नीचे आए हैं। बॉम्बे शुगर मर्चेंट्स एसोसिएशन (BSMA) के प्रेसिडेंट, अशोक जैन ने बताया, 'सप्लाई पाइपलाइन सूख गई है क्योंकि होलसेलर्स चीनी नहीं खरीद रहे। मिलों के स्तर पर 71 रुपये प्रति क्विंटल की एक्साइज ड्यूटी के अलावा चीनी पर कभी टैक्स नहीं लगाया गया था। होलसेलर्स के लिए GST एक नया टैक्स है।'

महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज फेडरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर, संजीव बाबर ने मिलों के स्तर पर चीनी की बिक्री घटने की पुष्टि की। मई और जून के महीनों में चीनी मिलों ने बिक्री में बड़ी कमी आने की रिपोर्ट दी है। महाराष्ट्र में एक चीनी मिल मालिक ने बताया, 'महाराष्ट्र में चीनी की 6-6.5 लाख किलोग्राम औसत मासिक बिक्री की तुलना में मई में केवल लगभग 4 लाख किलोग्राम की बिक्री रही। हमें आशंका है कि जून में बिक्री 50 पर्सेंट गिरकर केवल 3 लाख टन की रह सकती है।' मौजूदा टैक्स सिस्टम में खरीदार मिलों के स्तर पर 71 रुपये प्रति क्विंटल की एक्साइज ड्यूटी और 124 रुपये प्रति क्विंटल का शुगर सेस चुकाते हैं। शुगर सेस शुगर डिवेलपमेंट फंड में जाता है। चीनी का वैल्यू एडीशन के लिए एक इनपुट के तौर पर इस्तेमाल करने वाली कोल्ड ड्रिंक कंपनियों, आइसक्रीम कंपनियों और हलवाई जैसे इंडस्ट्रियल यूजर्स को GST के तहत अधिक सेट ऑफ मिलेगा। चीनी पर 5 पर्सेंट GST लगेगा। बिना ड्यूटी के चीनी के मौजूदा मिल के स्तर के प्राइस पर GST लगभग 172 रुपये प्रति क्विंटल का होगा। इस वजह से जिन इंडस्ट्रियल यूजर्स ने चीनी खरीदनी बंद कर दी है, उन्हें GST के तहत अधिक सेट ऑफ मिलेगा। BSMA के जैन ने कहा कि होलसेल ट्रेड के कम होने से कुछ स्थानों पर चीनी की कमी हो सकती है। हालांकि, इससे रिटेल या होलसेल प्राइस नहीं बढ़ेगा। बिक्री कम होने से चीनी की मिलों के स्तर पर कीमत एक महीने पहले 35.60-36 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर 34.50 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई है।

ट्रेडर्स GST को लेकर स्थिति स्पष्ट होने का इंतजार कर रहे हैं और नए टैक्स सिस्टम के तहत आवश्यक्ताओं को पूरा करने की तैयारी में जुटे हैं। इंडस्ट्री को जुलाई के पहले सप्ताह में चीनी की बिक्री में कुछ तेजी आने की उम्मीद है।

 
  

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