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चीनी, चावल व गेहूं का निर्यात जारी रहेगा
Date: 23 Aug 2012
Source: बिज़्नेस भास्कर
Reporter: आर. एस. राणा
News ID: 1466
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आखिर निर्यात क्यों

केंद्रीय पूल में गेहूं और चावल का बंपर स्टॉक मौजूद
अगस्त में मानसून सुधरने से चावल की पैदावार पिछले 
साल जैसी
गन्ने का रकबा ज्यादा, अच्छे मानसून से उत्पादन बढ़ेगा

अगले सप्ताह सभी मंत्रालयों और राज्यों के अधिकारियों के साथ समीक्षा होगी

 

सरकार ने कहा है कि ओपन जरनल लाइसेंस (ओजीएल) के तहत चीनी, चावल और गेहूं का निर्यात जारी रहेगा। केंद्रीय पूल में गेहूं और चावल का बंपर स्टॉक मौजूद है जबकि चालू महीने में मानसून सुधरने से खरीफ में चावल की पैदावार पिछले साल के बराबर रहने की संभावना है। गन्ने के बुवाई क्षेत्रफल में चार फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और मानसून सुधरने से गन्ने का उत्पादन अनुमान पहले की तुलना में बढ़ेगा।


खाद्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रो. के. वी. थॉमस ने बिजनेस भास्कर को बताया कि ओजीएल के तहत चीनी, चावल और गेहूं का निर्यात जारी रहेगा। अगले सप्ताह सभी संबंधित मंत्रालयों और राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की जाएगी।


उन्होंने कहा कि केंद्रीय पूल में खाद्यान्न का बंपर स्टॉक मौजूद है जबकि हाल ही में मानसून में हुए सुधार से खरीफ में चावल का उत्पादन पिछले साल के लगभग बराबर ही रहने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2011-12 खरीफ में चावल का उत्पादन 915.3 लाख टन होने का अनुमान है। पहली अगस्त को केंद्रीय पूल में 761.49 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक मौजूद है इसमें 475.26 लाख टन गेहूं और 285.03 लाख टन चावल है।


उन्होंने कहा कि वर्ष 2011-12 (अक्टूबर से सितंबर) पेराई सीजन में 262 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है तथा अक्टूबर से शुरू होने वाले नए पेराई सीजन में उत्पादन 245 लाख टन होने की संभावना है। हालांकि अगले सप्ताह होने वाली राज्यों के गन्ना आयुक्तों की बैठक के बाद ही उत्पादन का सही अनुमान लग पायेगा।


गन्ने की बुवाई में 4 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल बुवाई 52.88 लाख हैक्टेयर में हुई है। वर्ष 2011-12 पेराई सीजन में अभी तक 30 लाख टन चीनी का निर्यात हो चुका है जबकि 40 लाख टन निर्यात होने का अनुमान है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम कम होने से इस समय निर्यात धीमी गति से हो रहा है।


उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की कीमतों में आई तेजी से निर्यात को बढ़ावा मिल रहा है। पीईसी लिमिटेड को हाल में गेहूं के निर्यात के लिए मांगी गई निविदा में 308 डॉलर प्रति टन की ऊंची बोली मिली थी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय पूल में गेहूं का बंपर स्टॉक मौजूद है इसलिए इसका निर्यात ओजीएल में जारी रहेगा।

 

 
  

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