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चीनी में लंबी अवधि के निवेश से बचें
Date: 11 Aug 2012
Source: Business Bhaskar
Reporter: रवि टांक
News ID: 1442
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फायदे की बात
वायदा कारोबार में पिछले एक माह में चीनी की कीमतों में बेतहाशा तेजी देखने को मिली है। इस दौरान चीनी के दाम 13 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। 
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) पर 10 जुलाई को चीनी के अगस्त वायदा अनुबंध का भाव 3,117 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर बंद हुआ था। जो शुक्रवार को 3,560 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर बंद हुआ। इस दौरान एनसीडीईएक्स पर चीनी की हाजिर कीमतों में भी 15 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है।

निवेशक कम अवधि के लिए चीनी में निवेश कर मुनाफा कमा सकते हैं। क्योंकि फिलहाल घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में तेजी जारी रह सकती है।
ब्राजील में फिलहाल मौसम अनुकूल होने के कारण गन्ने की कटाई अच्छी हो रही है, इससे भविष्य में अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की सप्लाई अधिक होने की संभावना है। ऐसी स्थिति में अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी के दाम गिरने से घरेलू बाजार में भी इसके भावों पर असर देखने को मिल सकता है।

अगस्त माह में खुले बाजार में बिक्री के लिए चार लाख टन अतिरिक्त कोटा जारी किए जाने के बावजूद घरेलू बाजार में चालू त्योहारी सीजन की मांग के कारण चीनी की कीमतों में फिलहाल तेजी जारी रहने की संभावना है। विश्लेषकों के अनुमान के मुताबिक वायदा कारोबार में चीनी के कम अवधि वाले सौदों में निवेश कर निवेशक मुनाफा कमा सकते हैं। हाल ही में चीनी के मूल्य में आई तेजी को रोकने के लिए सरकार ने पिछले मंगलवार को ही खुले बाजार में बिक्री के लिए चार लाख टन चीनी का अतिरिक्त कोटा जारी करने का फैसला लिया है।


जिससे घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में नरमी आई है। इसके बाद निचले स्तर पर खरीद से निवेशकों को आगामी त्योहारी सीजन में चीनी की कीमतों में तेजी का लाभ मिल सकता है। वायदा कारोबार में पिछले एक माह में चीनी की कीमतों में बेतहाशा तेजी देखने को मिली है।


इस दौरान चीनी के दाम 13 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) पर 10 जुलाई को चीनी के अगस्त वायदा अनुबंध का भाव 3,117 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर बंद हुआ था। जो शुक्रवार को 3,560 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर बंद हुआ। इस दौरान एनसीडीईएक्स पर चीनी की हाजिर कीमतों में भी 15 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है।


10 जुलाई को चीनी का हाजिर भाव 3,181 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर बंद हुआ था जो शुक्रवार यानि 10 अगस्त को 3,663 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर रहा। बाजार के जानकारों का कहना है कि फिलहाल घरेलू बाजार में त्योहारी सीजन की मांग से चीनी की कीमतों में तेजी जारी रह सकती है, लेकिन लंबी अवधि के लिए चीनी में निवेश से दूरी निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकती है।


कर्वी कॉमट्रेड की विश्लेषक (एग्री) शिखा मित्तल ने बताया कि निवेशक कम अवधि के लिए चीनी में निवेश कर मुनाफा कमा सकते हैं। क्योंकि फिलहाल घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में तेजी जारी रह सकती है। हालांकि अनुमान है कि चीनी का उत्पादन चालू वर्ष में अनुमान से कम रह सकता है।


लेकिन वैश्विक संकेतों की वजह से चीनी की कीमतों पर दबाव रहने की संभावना है। उन्होंने बताया कि ब्राजील में फिलहाल मौसम अनुकूल होने के कारण गन्ने की कटाई अच्छी हो रही है, इससे भविष्य में अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की सप्लाई अधिक होने की संभावना है। ऐसी स्थिति में अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी के दाम गिरने से घरेलू बाजार में भी इसके भावों पर असर देखने को मिल सकता है। इनके मुताबिक निवेशक त्र3,400 प्रति क्विंटल के निचले भाव पर कम अवधि के सौदों में निवेश कर सकते हैं।


इंडियाबुल्स कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट बदरुद्दीन ने बताया कि घरेलू बाजार में चीनी का उत्पादन अनुमान से कम रहने तथा त्योहारी सीजन की मांग के कारण इसकी कीमतों में फिलहाल तेजी की संभावना है। इस कारण निवेशक कम अवधि के सौदों में निवेश कर मुनाफा कमा सकते हैं। लेकिन अंतरराष्ट्रीय संकेतों को देखते हुए लंबी अवधि के सौदों में निवेश से फिलहाल निवेशकों को दूरी रखनी चाहिए। उन्होंने बताया कि घरेलू वायदा कारोबार में चीनी के दाम उच्चतम स्तर पर जा चुके हैं।


अब इनमें ज्यादा तेजी की संभावना नहीं है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी कीमतों में गिरावट के रुख के कारण निवेश उचित नहीं है। वायदा कारोबार में चीनी के दाम 3,600 रुपये के स्तर को छू सकते हैं और निचले स्तर पर यह 3,450 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर रह सकते हैं।


हाल ही में सरकार ने चीनी के मूल्य में तेजी को रोकने के लिए खुले बाजार में बिक्री के लिए चार लाख टन चीनी का  अतिरिक्त कोटा जारी करने का फैसला किया है। साथ ही संकेत हैं कि सरकार की ओर से चीनी निर्यात का कोटा तय करके उस पर 10 फीसदी टैक्स लगाया जा सकता है और आयात पर लागू 10 फीसदी टैक्स को हटाया जा सकता है।


दूसरी ओर इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) की ओर से नए पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 250 लाख टन रहने का अनुमान लगाया गया है। चालू सीजन में गन्ने की बुवाई 52.88 लाख हेक्टेयर में होने का अनुमान है।

 
  

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