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अच्छे मॉनसून से चीनी उत्पादन में उछाल की सम्भावना
Date: 01 Jun 2017
Source: Business Standard
Reporter: Reuters
News ID: 12569
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मॉनसून के दौरान अच्छी वर्षा के पूर्वानुमान की वजह से 2017-18 में भारत के चीनी उत्पादन में उछाल आने की संभावना है। पिछले साल के मुकाबले इसमें एक-चौथाई इजाफा हो सकता है। यह कहना है उद्योग की एक शीर्ष संस्था के प्रमुख का। उत्पादन में होने वाला यह इजाफा उपभोग स्तर के करीब रह सकता है। इससे विश्व के इस सबसे बड़े चीनी उपभोक्ता की आयात मांग कम हो सकती है। इस कारण  पहले ही एक साल से निम्रतम स्तर के निकट चल रहे अंतरराष्ट्रीय दामों में और कमी हो सकती है।
 
मौसम पर अल नीनो के भारी असर से 2015 में गंभीर सूखे के बाद 30 सितंबर को समाप्त होने वाले 2016-17 के फसल वर्ष में भारत को 5,00,000 टन चीनी का आयात करना पड़ा था। नैशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज लि. के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवारे का कहना है कि मांग के लिए स्थानीय आपूर्ति पर्याप्त रहेगी। हमें और आयात करने की जरूरत नहीं है।
 
2017 में मॉनसून की सामान्य बारिश की भविष्यवाणी की गई है। मंगलवार को मॉनसून दो दिन पहले ही देश के दक्षिण-पश्चिम तटपर दस्तक दे चुका है। नाइकनवारे ने कहा कि अच्छे मॉनसून की वजह से हम अगले सीजन में महाराष्ट्र के उत्पादन में तेज इजाफे की उम्मीद कर रहे हैं। चीनी उत्पादन में महाराष्ट्र देश में दूसरे स्थान पर आता है। यहां एक के बाद एक लगातार सूखे की वजह से उत्पादन में तेज गिरावट आई है जिससे देश को चीनी आयात शुल्क मुक्त करना पड़ा। नाइकनवारे ने कहा कि 2016-17 में महाराष्ट्र का उत्पादन एक साल पहले की तुलना में 50 प्रतिशत गिरकर 41.8 लाख टन हो गया लेकिन अगले सीजन का उत्पादन 62 प्रतिशत बढ़कर 69 लाख टन होने की संभावना है। पिछले वर्ष अच्छी बरसात से किसानों ने गन्ने के क्षेत्र को बढ़ाया। इस साल भी हम पर्याप्त बारिश की उम्मीद कर रहे हैं जिससे उपज बढ़ेगी। देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में अगले सीजन में उत्पादन पांच प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 92 लाख टन रहने की संभावना है।
 

पिछले हफ्ते भारत ने 2017-18 के सीजन में चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को दिए जाने वाले दामों में करीब 11 प्रतिशत का इजाफा किया है। महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज फेडरेशन के प्रबंध निदेशक संजीव बाबर का कहना है कि दामों में इस इजाफे और मॉनसून में अच्छी बारिश की उम्मीद से गन्ना उपजाने के भूमि क्षेत्र में वृद्धि की संभावना है। उन्होंने कहा कि अगले साल की तुलना में 2018-19 में उत्पादन ज्यादा होगा।              

 
  

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