चालू पेराई सीजन 2011-12 (अक्टूबर से सितंबर) में मई के आखिर तक चीनी के उत्पादन में 8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में अभी तक 255 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जोकि खाद्य मंत्रालय के 252 लाख टन अनुमान से ज्यादा है।
इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन बढ़कर 89.67 लाख टन का हो चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 89.15 लाख टन से ज्यादा है। उत्तर प्रदेश में मई के आखिर तक चीनी का उत्पादन बढ़कर 69.59 लाख टन का हो चुका है जोकि पिछले साल के मुकाबले 18 फीसदी ज्यादा है।
दक्षिण भारत में कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में अभी तक 37.27 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में अभी तक 18 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है। इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन में देश में चीनी का कुल उत्पादन बढ़कर 260 लाख टन होने का अनुमान है। जबकि खाद्य मंत्रालय ने चालू पेराई सीजन में उत्पादन 251-252 लाख टन का होने का अनुमान लगाया था। देश में चीनी की सालना खपत 220-225 लाख टन की होती है।
उत्तर प्रदेश में चीनी की रिकवरी पिछले साल के मुकाबले जरुर कम आई है। चालू पेराई सीजन में उत्तर प्रदेश में गन्ने में रिकवरी 9.05 फीसदी आई है जबकि पिछले साल 9.14 फीसदी की रिकवरी आई थी। उधर महाराष्ट्र में चालू पेराई सीजन में गन्ने में रिकवरी पिछले साल के 11.32 फीसदी से बढ़कर 11.64 फीसदी की आई है। तमिलनाडु में चालू पेराई सीजन में चीनी के उत्पादन में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 29 फीसदी की भारी बढ़ोतरी हुई है।
दक्षिण भारत के राज्यों में अभी भी कई मिलों में गन्ने की पेराई का कार्य चल रहा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि करीब पांच लाख टन और चीनी का उत्पादन हो जायेगा।
चालू पेराई सीजन में अभी तक सरकार 20 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति ओपन जरनल लाइसेंस (ओजीएल) में दे चुकी है तथा करीब पांच लाख टन और निर्यात की अनुमति आगामी उच्चाधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह (ईजीओएम) में दिए जाने की संभावना है।