सरकारी खरीद बढऩे से जूट व बोरियों की कीमत में इजाफा रबी में गेहूं की बंपर पैदावार से जूट बोरियों की मांग में 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। चालू रबी में सरकार ने 12.50 लाख गांठ (एक गांठ-500 बोरी) जूट बोरी के आर्डर दिए हुए हैं जिनमें से अभी तक जूट उद्योग 10.75 लाख गांठ की सप्लाई कर चुका है। बोरियों की मांग बढऩे से जूट की कीमतों में भी 200 से 250 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है।
इंडियन जूट मिल एसोसिएशन (इज्मा) के अध्यक्ष मनीष पोद्दार ने बताया कि सरकार ने पहले 7.5 लाख गांठ जूट बोरियां खरीदने की योजना बनाई थी। लेकिन रबी में गेहूं की रिकॉर्ड खरीद के चलते सरकार ने 5 लाख गांठ की अतिरिक्त खरीद के ऑर्डर देने की वजह से कई राज्यों में जूट बोरियों की किल्लत का सामना करना पड़ा था। लेकिन अब स्थिति बेहतर है तथा अभी तक उद्योग 10.75 लाख गांठ जूट बोरियों की सप्लाई कर चुका है तथा जून महीने के मध्य तक पूरी सप्लाई होने की संभावना है।
कामारहेटी कंपनी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर एस. के. अग्रवाल ने बताया कि मांग बढऩे से जूट बोरियों की कीमतों में भी तेजी आई है। सरकार जूट बोरी की खरीद 32 रुपये प्रति नग की दर से कर रही है जबकि बाजार में इसका भाव 35 से 36 रुपये प्रति बोरी है। गन्नी ट्रेडर्स एसोसिएशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और बिहार की अतिरिक्त मांग आने से जूट बोरियों की सप्लाई प्रभावित हुई थी।
मध्य प्रदेश ने पहले 1.44 लाख गांठ जूट बोरियों की मांग की थी, जिसे बढ़ाकर बाद में 3.5 लाख गांठ कर दिया। उन्होंने बताया कि देश में सालाना करीब 25 लाख जूट बोरियों की मांग रहती है जबकि उद्योग की सालाना उत्पादन क्षमता 31 लाख गांठ की है।
मोहन जूट मिल्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि घरेलू मांग बढऩे के साथ ही निर्यात मांग बढऩे से जूट की कीमतों में भी तेजी आई है। उत्पादक मंडियों में जूट की कीमतें बढ़कर 2,550 से 2,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। सरकार ने जूट का एमएसपी 2,200 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।