वाणिज्य मंत्रालय ने निर्यात सौदे पंजीकृत कराने के मिलों को निर्देश दिए विरोध क्यों मिलों पर अधिकतम 10 हजार टन निर्यात की पाबंदी लगाई इस्मा ने शर्तों को प्रधानमंत्री की बैठक के फैसलों के विरुद्ध बताया खाद्य मंत्रालय के आदेश के विपरीत डीजीएफटी ने लगाई शर्तें वाणिज्य मंत्रालय ने मिलों को चीनी निर्यात के सौदे उसके पास रजिस्टर करवाने का निर्देश दिया है। इसके अलावा मंत्रालय ने मिलों पर चीनी निर्यात के लिए दस हजार टन की सीमा भी तय की है। मंत्रालय के इस निर्देश का चीनी उद्योग ने विरोध किया है और कहा है कि मंत्रालय का यह कदम प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए फैसलों की भावना के खिलाफ है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने गत दिवस चीनी निर्यात के बारे में अधिसूचना जारी करके कहा था कि चीनी के निर्यात के लिए मुक्त नीति होगी। हालांकि निर्यात होने वाली चीनी की मात्रा का पहले पंजीयन कराना होगा। उसने कहा था कि निर्यातक रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के एक आवेदन में अधिकतम 10 हजार टन चीनी निर्यात के लिए आवेदन कर सकेंगे।
डीजीएफटी की अधिसूचना खाद्य मंत्रालय के औपचारिक आदेश के बाद ही जारी हुई थी। मंत्रालय ने एक दिन पहले यानि 13 मई को मात्रात्मक प्रतिबंध रहित चीनी निर्यात खोलने का आदेश दिया था। मंत्रालय ने यह भी कहा था कि मिलों को निर्यात के लिए रिलीज ऑर्डर भी नहीं लेना होगा। वाणिज्य मंत्रालय के ताजा निर्देशों पर इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने विरोध किया है।
इस्मा के अध्यक्ष गौतम गोयल ने कहा कि डीजीएफटी की अधिसूचना की शर्तें प्रधानमंत्री की बैठक में हुए फैसलों की भावना के विरुद्ध हैं। खाद्य मंत्रालय ने चीनी निर्यात की मुक्त नीति अपनाने का आदेश दिया था जबकि डीजीएफटी की अधिसूचना मेें लगाई गई शर्तें प्रतिबंधात्मक हैं।