चीनी का उत्पादन 5 फीसदी घटेगा लेकिन खपत से ज्यादा रहने का अनुमान : आईएसओ
नई दिल्ली: शुगर ऑर्गेनाइजेशन (आईएसओ) का अनुमान है कि चक्रीय प्रभाव के चलते अगले सीजन 2012-13 के दौरान भारत का चीनी उत्पादन पांच फीसदी घट सकता है। अगले अक्टूबर से शुरू होने वाले सीजन में कुल उत्पादन घटकर 245 लाख टन रहने की संभावना है। इंटरनेशनल शुगर काउंसिल (आईएससी) के 41वें सत्र के बाद आईएसओ के सीनियर इकोनॉमिस्ट सेर्गी गुदोश्निकोव ने संवाददाताओं को बताया कि भारत में चीनी उत्पादन पर अगले सीजन में चक्रीय असर होगा। पिछले और मौजूदा सीजन में उत्पादन बढऩे के बाद अगले सीजन में कमी आ सकती है। किसानों को देय गन्ने का बकाया भुगतान बढऩे के कारण भी उत्पादन पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमारा अनुमान है अगले सीजन में चीनी का उत्पादन थोड़ा कम रह सकता है। चालू सीजन में 258 लाख टन उत्पादन रहने की संभावना है। हालांकि उन्होंने कहा कि अगले सीजन में उत्पादन घरेलू खपत पूरी करने के लिए पर्याप्त होगा। आईएसओ की गवर्निंग कमेटी आईएससी का तीन दिवसीय कार्यक्रम 26 अप्रैल तक चलेगा। भारत 1993 से आईएससी का सदस्य देश है। अगले सीजन में भारत के चीनी आयातक देश बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी संभावना नहीं है क्योंकि भारत में चीनी का उत्पादन उसकी खपत से करीब 15-20 लाख टन ज्यादा रह सकता है। आईएसओ को चालू सीजन में भारत में 258 लाख टन चीनी का उत्पादन होने की संभावना है। चालू सीजन के लिए आईएसओ का उत्पादन अनुमान सरकार के अनुमान से ज्यादा और उद्योग के अनुमान से थोड़ा कम है। सरकार ने देश में 252 लाख टन और उद्योग ने 260 लाख टन उत्पादन होने की संभावना जताई है। आईएसओ के अनुमान के विपरीत नेशनल फेडरेशन ऑफ कोआपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज (एनएफसीएसएफ) के मैनेजिंग डायरेक्टर विनय कुमार ने कहा कि गन्ने की चालू बुवाई के आधार पर अगले सीजन में चीनी का उत्पादन 250 टन का आंकड़ा छू सकता है। दूसरी ओर इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के डायरेक्टर जनरल अबिनाश वर्मा ने कहा कि अगले साल भी चीनी का उत्पादन खपत के मुकाबले ज्यादा रहेगा लेकिन उत्पादन के बारे में अभी कोई अनुमान लगाना जल्दी होगा। अगले सीजन 2012-13 की गन्ने की बुवाई चल रही है। अब तक 44.1 लाख हैक्टेयर में गन्ने की बुवाई हो चुकी है जबकि पिछले साल समान अवधि में 43.2 लाख हैक्टेयर में बुवाई थी।