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मिलों ने पेरा 164 लाख कुंतल अधिक गन्ना
Date: 06 Apr 2012
Source: Dainik jagran
Reporter: Dainik jagran
News ID: 1031
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         मेरठ, जागरण संवाददाता: मेरठ मंडल की चीनी मिलों ने इस बार समय से पहले ही सत्र शुरू करके पिछले वर्ष से 164 लाख कुंतल अधिक गन्ने की पेराई की। 12 लाख कुंतल अधिक चीनी का उत्पादन किया और पिछले वर्ष से ज्यादा पैसा भी किसानों का दबा रखा है।

मेरठ मंडल के पांच जिलों की कुल 15 चीनी मिलों ने इस बार पेराई सत्र का समय, गन्ना खरीद, गन्ना पेराई, चीनी उत्पादन के साथ-साथ किसानों के बकाया के आंकड़े को भी पीछे छोड़ दिया है। पिछले साल 23 अक्टूबर को सबसे पहले मोदीनगर मिल ने सत्र का शुभारंभ किया था। उसके बाद बाकी सभी मिलें 11 नवंबर के बाद शुरू हुई थी। इस बार भी मोदीनगर मिल ने 22 अक्टूबर को सबसे पहले सत्र शुरू किया। उसके बाद 28 अक्टूबर को सिंभावली, 31 को मलकपुर के बाद अप्रैल के प्रथम सप्ताह में ही अधिकांश मिलों ने पेराई शुरू की थी, जबकि मिल बंद करने की बात करें तो पिछले वर्ष 31 मार्च तक आठ मिलें बंद हो चुकी थी। इस साल केवल पांच मिल ही बंद हुई। इस बार मिलों का पेराई सत्र लंबा चला।

पिछले वर्ष की तुलना में इस साल मिलों ने 1075.68 लाख कुंतल गन्ने की खरीद की, जबकि पिछले साल 908.68 लाख कुंतल गन्ना खरीदा गया था। पिछले साल मिलों ने 907.68 लाख कुंतल गन्ने की पेराई की थी जबकि इस साल यह आंकड़ा 1071.16 लाख कुंतल तक पहुंच गया। चीनी उत्पादन की बात करें तो पिछले वर्ष 79.56 लाख कुंतल चीनी बनी थी। इस साल 91.13 लाख कुंतल चीनी का उत्पादन मंडल की मिलों ने किया है।

किसानों के लिये बुरी खबर यह है कि पिछले वर्ष 31 मार्च तक मिलों पर किसानों के गन्ने का 269.15 करोड़ रुपए बकाया था, जबकि इस साल बकाये की यह राशि 774.51 करोड़ है। यह राशि कुल भुगतान का तीस फीसदी है।

बंद हो गई मेरठ की सभी मिलें

मेरठ : मेरठ जनपद की सभी मिलें बंद हो गई हैं। गुरूवार की देर रात अंतिम बची मवाना मिल ने भी पेराई बंद कर दी। जिला गन्ना अधिकारी डा. आरबी राम ने बताया कि जनपद में फिलहाल पांच मिल गन्ना पेराई करती हैं। एक मोहिउद्दीनपुर मिल को पिछले सत्र में बंद घोषित कर दिया गया था। पांच में से चार मिलें 25 मार्च से लेकर दो अप्रैल तक बंद हो गई थी। अंतिम मवाना मिल भी गुरूवार को बंद घोषित कर दी गई।

दो मिल की रिकवरी बढ़ी

मेरठ : दो मिल ऐसी भी रहीं जिनकी रिकवरी इस साल भी बढ़ गई। इनमें एक बुलंदशहर मिल की रिकवरी 8.13 से बढ़कर 8.36 पहुंच गई जबकि दूसरी मिल साबितगढ़ रही। इसकी रिकवरी 8.58 से बढ़कर 9.08 दर्ज की गई।

मिलों की रिकवरी पर एक नजर

मिल वर्ष 2011 वर्ष 2012

मवाना 9.30 8.65

दौराला 9.06 8.73

सकौती 9.13 8.42

किनौनी 8.57 8.26

नंगलामल 8.99 8.61

मोदीनगर 9.11 8.80

सिंभावली 8.85 8.75

बृजनाथपुर 8.82 8.57

बागपत 7.96 7.70

रमाला 8.83 8.26

मलकपुर 8.51 8.22

बुलंदशहर 8.13 8.36

अनूपशहर 7.77 7.63

अनामिका 8.85 8.77

साबितगढ़ 8.58 9.08

 

 
  

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