-इस्मा ने चीनी निर्यात का संशोधित अनुमान बढ़ाकर 75 लाख टन किया
नई दिल्ली, 04 मार्च (हि.स.)। देश में चालू चीनी विपणन वर्ष 2021-22 में 28 फरवरी, 2022 तक चीनी उत्पादन 7.68 फीसदी बढ़कर 252.87 लाख टन पहुंच गया है। एक साल पहले की समान अवधि में 234.83 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। वहीं, इस दौरान चीनी का निर्यात भी बढ़ा है। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
इस्मा ने जारी एक बयान में कहा कि चीनी विपणन वर्ष 2021-22 की अक्टूबर-फरवरी के दौरान कुल चीनी उत्पादन दो करोड़ 52.8 लाख टन तक पहुंच गया है, जो एक साल पहले की समान अवधि में दो करोड़ 34.8 लाख टन चीनी से 7.68 फीसदी अधिक है। वहीं, भारत का चीनी निर्यात चालू विपणन वर्ष 2021-22 में सालाना आधार पर 15.38 फीसदी बढ़कर 75 लाख टन होने का अनुमान है।
उद्योग निकाय इस्मा के मुताबिक चालू चीनी विपणन वर्ष 2021-22 के दौरान, 1 अक्टूबर 2021 से 28 फरवरी 2022 तक 516 चीनी मिलों ने परिचालन शुरू कर दिया था, जबकि पिछले साल 28 फरवरी, 2021 तक 503 चीनी मिलें संचालित हुई थीं। वहीं, देशभर में 27 चीनी मिलों ने 28 फरवरी, 2022 तक अपना परिचालन बंद कर दिया है, जबकि पिछले साल 99 चीनी मिलों ने 28 फरवरी, 2021 तक पेराई कार्यों को बंद कर दिया था। बता दें कि चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है।
चीनी मिल संघ के मुताबिक देश ने अबतक 60 लाख टन चीनी के निर्यात के लिए अनुबंध किया है, जबकि चालू चीनी विपणन वर्ष 2021-22 में फरवरी महीने तक 42 लाख टन चीनी का निर्यात किया जा चुका है। उद्योग निकाय के मुताबिक देश के कुल चीनी के उत्पादन अनुमान को संशोधित कर चीनी विपणन वर्ष 2021-22 के लिए 3 करोड़ 33 लाख टन किया गया है। इसकी वजह चीनी के वैश्विक उत्पादन में कमी के बीच भारतीय चीनी की मांग में वृद्धि की उम्मीद है। दरअसल ब्राजील के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है।
देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चालू विपणन वर्ष की अक्टूबर-फरवरी अवधि के दौरान चीनी का उत्पादन 68.6 लाख टन रहा, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 74.2 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। हालांकि, देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन पहले के 84.8 लाख टन से बढ़कर 97.1 लाख टन हो गया। वहीं देश के तीसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य कर्नाटक में इस दौरान चीनी का उत्पादन पहले के 40.8 लाख टन से बढ़कर 50.8 लाख टन हो गया है।